बेरोजगरी की मार आज जो हालात छात्रो के साथ हो रहा है वो जग जाहिर है .बेरोजगारी का जो खुमार है वह छात्रों को बहुत तखलीफ देने वाला है . एसएससी की जो अभी हाल me इग्जाम हुए हैं उनमें घोटाला हुआ है .सरकार इसकी जांच सीबीआई से कराने का आदेश दे चुकीं है . मगर उन छत्रो का क्या होगा जिनोह्ने बहुत मेहनत से इग्जाम पास किया . सारी मेहनत बेकार चली गई . एसपर सरकार को पार्दर्शिता दिखनी चाहिये aur इग्जाम को सही ढंग से करानी चाहिये . बच्चों के भविष्य के साथ किसी प्रकार का खेल ना खेला जाए . छात्रों को उनकी मेहनत का फल मिलना चाहिये .
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मेरी खुद की लिखी कविता (मेरा बचपन ) वह मेरा प्यारा बचपन,कितना सुंदर कितना अच्छा लगता था मेरा बचपन ! घूम-घूम के झूम-झूम के ,कैसा खेल खेलते the, सावन के रिमझिम बारिस me,कितना धूम मचाते the! बना-बनाकर कागज़ के नाव,पानी me खूब चलाते the, Maa के उन कोमल हाथों से,खूब rotiyan खाते the! बड़े प्यार से हम अपनी ,maa के गले lag जाते the, जब नींद हमें आती थी,maa के आंचल me सो जाते the! कहाँ गए ओ din,कहाँ गयी ओ रातें ,अब to बस याद बनकर,rah गया है मेरा बचपन ! वह मेरा प्यारा बचपन ,कितना सुंदर ,कितना अच्छा, लगता था मेरा बचपन !